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बेटा राम प्रसाद आज तो तू गया. अगर तू आज उत्पल दत्त के सवाल का जवाब नहीं देता तो तेरी मूंछ का भांडा फूटने वाला है. ऐसे ही कुछ हंसी-मज़ाक का तड़का था अमोल पालेकर और उत्पल दत्त अभिनीत गोलमाल में.
गोलमाल के एक गाने में सही कहा गया है कि सीधे रस्ते की यह टेढ़ी चाल है क्योंकि गोलमाल है भाई सब गोलमाल है. आज के समय में कितना सही कहा गया है गोलमाल के इस गाने में क्योंकि रस्ते तो वही हैं लेकिन उसे पाने की चाल बदल गई है. आज हमारा मकसद है “राम- राम जपना पराया माल अपना” और पराया माल हासिल करने के लिए कुछ भी जायज है.
आडियो में सुनिए कैसे है यह जिंदगी गोलमाल
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